शासकीय प्राथमिक शाला केवलारी में स्कूल कक्ष का छत का पिलास्टर टूट कर गिरा चार स्कूली बच्चे हुए घायल

कटनी। जिले की बरही तहसील क्षेत्र में खितौली चौकी के सेहरा टोला के ग्राम केवलारी में स्कूल में अध्ययनरत छात्र-छात्राएं स्कूल कक्ष में पढ़ रहें थे इसी दौरान अचानक कमरे की छत से सीमेंट का पिलास्टर टूट कर नीचे गिरने से 4 छात्र-छात्राएं घायल हो गए। मिली जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश शासन द्वारा जर्जर स्कूलों के लिए एक लम सम बजट जिले में मेंटेनेंस के नाम पर आया था जिसमें यह स्कूल भी मेंटेनेंस हेतु स्वीकृत है। सूत्रों के बताए अनुसार पहले ही यहां कक्ष का निर्माण किया गया था। लेकिन जिले का यह पहला स्कूल जहां यह हादसा हुआ और छात्र-छात्राएं घायल हुए इस हादसे में घायल हुए छात्र-छात्राओं को इलाज के लिए बरही के सामुदायिक स्वास्थ केंद्र लाया गया।

बहरहाल जहां उनका इलाज जारी है। घायलों में कविता पिता रामदास रघुवंशी कक्षा-दूसरी, दिव्याशी पिता राकेश सिंह गौड़ कक्षा-दूसरी, शुभी पिता रामदास पाल कक्षा पहली, यश पिता संदीप सिंह पहली, और नैतिक सिंह घायल है। वही जब यह खबर शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को मिली विभाग में खलबली मच गई और छात्रों को देखने शिक्षा विभाग के डीपीसी एवं अन्य अधिकारी बरही के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे जहा लापरवाही के लिए प्रधानाध्यापक को नोटिस भी जारी किया गया।

बतादे की इस दौरान जिला परियोजना समन्वयक द्वारा सेहरा टोला स्कूल भवन की छत के प्लास्टर गिरने के मामले का पंचनामा बनवाया गया है। जिसमें डी पी सी के मुताबिक प्रथम दृष्टया प्रधानाध्यापक की लापरवाही का पता चला है। यह भी बताया गया है कि सभी छात्र पहले स्कूल भवन के मुख्य कक्ष में बैठते थे। लेकिन आज सोमवार को छात्रों को बरामदे में बैठाया गया और बरामदे के ही छत का प्लास्टर गिर गया। अब सवाल यह उठता है। जब स्कूल भवन का मेंटेनेंस होना था तो हालही की गर्मियों की छुट्टियों में क्यों नहीं करवाया गया वही इस मामले में जांच अधिकारियों का कहना है हादसे में छात्रों को मामूली चोट लगीं है। इस संबंध में जिला परियोजना समन्वयक ने बताया कि प्रधानाध्यापक को लापरवाही के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया जा रहा है। तो क्या इसमें सिर्फ प्रधान अध्यापक ही दोषी है।जिसे नोटिस जारी किया गया। या वह भी दोषी है जिसने इस समस्या पर पहले से ध्यान नहीं दिया अगर भवन की छत की मरम्मत गर्मियों के दिनों में हो जाती तो शायद यह हादसा नहीं होता अगर बात करें तो जिले में ऐसे स्कूल के जर्जर भवन और भी मौजूद हैं। जिनको समय रहते दुरुस्त नहीं किया गया तो इस तरह के गंभीर परिणाम आगे भी मिलते रहेंगे और दोषी वहां का प्रधान अध्यापक ही होगा शायद यही जांच का दस्तूर है। और जिम्मेदार इससे दूर है। वही जब इस मामले में जिला शिक्षा अधिकारी से मीडिया कर्मियों ने बात करनी चाही तो वह बचते हुए नजर आए।

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