बहोरीबंद माइक्रो उद्वहन सिंचाईं परियोजना की सौगात देने पर क्षेत्रीय जनों ने मुख्यमंत्री डॉ यादव के प्रति जताया आभार

कटनी।मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव द्वारा कटनी जिले की चार तहसीलों क्रमशः बहोरीबंद, स्लीमनाबाद, रीठी एवं कटनी के 151 गांवों के लोगों को 1011.05 करोड़ रूपये की लागत से बनने वाली बहोरीबंद उद्वहन सिंचाईं परियोजना की सौगात मिलने पर क्षेत्रीयजनों ने अपने  मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद देते हुए आभार जताया है। इस परियोजना से 32 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी।

मुख्यमंत्री डॉ यादव द्वारा क्षेत्र वासियों के लिए दी जा रही। कटनी जिले के सिंचित भू-क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी। किसानों के असिंचित खेतों में इस माइक्रो उद्वहन सिंचाईं परियोजना से पानी पहुंचेगा स्थानीय बाकल निवासी कृषक सुखदेव पटेल और कृषक  सुमेर ने पठार क्षेत्र के लिए उद्वहन सिंचाईं परियोजना की मुख्यमंत्री द्वारा दी जा रही इस सौगात को क्षेत्र की तस्वीर और किसानों की तक़दीर बदलने वाला कदम बताया है।

वहीं स्लीमनाबाद के वार्ड क्रमांक तीन के निवासी किसान पंडित  सुखदेव प्रसाद दुबे ने उद्वहन सिंचाईं परियोजना को क्षेत्रवासियों के लिए मुख्यमंत्री द्वारा दी गई अनुपम सौगात बताते हुए कहा कि इससे क्षेत्र के सिंचित भू-क्षेत्र में वृद्धि होगी। इससे यहां के किसान खुश हैं। किसानों के चेहरे में मुस्कान लाने के लिए मुख्यमंत्री जी का बहुत -बहुत अभिनंदन और आभार। ग्राम कुआं निवासी किसान अमित साहू और राम सुन्दर गुप्ता ने पठार क्षेत्र के किसानों के लिए सिंचाई की सौगात देने पर मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया है।

 

बहोरीबंद माईक्रो सिचाई परियोजना की खूबियां

इस परियोजना की प्रशासकीय स्वीकृति 1011.05 करोड़ रूपये की है। इससे कटनी जिले की बहोरीबंद तहसील के 151 ग्रामों के कृषकों की 32 हजार हेक्टेयर कृषि क्षेत्र में सिंचाई हो सकेगी। जिसमे बहोरीबंद तहसील के 86 ग्रामों की 18800 हेक्टेयर, स्लीमनाबाद तहसील के 43 गांवों की 9345 हेक्टेयर, रीठी तहसील के 17 गांवों की 2500 हेक्टेयर और कटनी तहसील के 5 गांवों की 1355 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचिंत हो सकेगी।

इस परियोजना मे बरगी बांध की दांई तट मुख्य नहर की आर.डी. 102.50 किलोमीटर ग्राम भनपुरा तहसील ढीमरखेड़ा से 128.50 एम.सी.एम 12.39 क्यूमेक्स जल उद्वहन कर 151 ग्रामों में सिचाई का लाभ मिलेगा।

इससे भूमिगत पाईप नहर प्रणाली से 2.5 हेक्टेयर चक तक 23 मीटर दवाब युक्त जल उपलब्ध कराया जायेगा। जिसके बाद कृषकों द्वारा स्प्रिंकलर, ड्रिप लगाकर सिचाई की जा सकेगी।
इस पद्धति की खासियत यह होगी कि सिचाई मिलने पर कृषकों को खेत समतल करने की आवश्यकता नहीं होगी और कम पानी मे अधिक उपयोगी सिचाई का लाभ एवं उत्पादन मिलेगा।

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