



कटनी/जबलपुर, दिसंबर 2024 मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने आज एक महत्वपूर्ण आदेश पारित करते हुए कटनी निवासी एलएलएम के छात्र यश खरे को एलएल.एम. डिग्री के तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा और प्रथम सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा में अस्थायी रूप से सम्मिलित होने की अनुमति दी है। यह आदेश याचिकाकर्ता द्वारा विश्वविद्यालय की परीक्षा संबंधी देरी के खिलाफ दायर याचिका के संदर्भ में दिया गया है।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने अदालत में तर्क प्रस्तुत किया कि विश्वविद्यालय की ओर से प्रथम सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा में देरी के कारण याचिकाकर्ता तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा में शामिल नहीं हो सके, जिससे उनकी शैक्षणिक प्रगति प्रभावित हो रही थी। उन्होंने यह भी तर्क दिया कि विश्वविद्यालय की इस कार्रवाई से याचिकाकर्ता का मौलिक अधिकार, जो संविधान के अनुच्छेद 14 और 21 में संरक्षित है, का उल्लंघन हुआ है।
माननीय उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को स्वीकार करते हुए अपने आदेश में कहा, याचिकाकर्ता को तृतीय सेमेस्टर की परीक्षा और प्रथम सेमेस्टर की एटीकेटी परीक्षा में सम्मिलित होने की अनुमति दी जाती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता आर्यन उरमलिया ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि यह छात्रों के शैक्षणिक अधिकारों की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।