सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराये बिना जनसुनवाई में पहुंचना शिक्षक को पड़ गया महंगा कलेक्टर ने माध्यमिक शिक्षक श्री तिर्की को जारी किया कारण बताओ नोटिस

कटनी। सक्षम अधिकारी से अवकाश स्वीकृत कराये बिना विजयराघवगढ़ में आज मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में घरेलू विद्युत चोरी के प्रकरण की जांच का आवेदन लेकर पहुचना रोहनिया के शासकीय माध्यमिक शाला के माध्यमिक शिक्षक कमल किशोर तिर्की को उस समय महंगा पड़ गया। जब कलेक्टर दिलीप कुमार यादव ने शिक्षक श्री तिर्की द्वारा सक्षम अधिकारी से बिना अवकाश स्वीकृत कराये जनसुनवाई में पहुंचने पर कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया दरअसल तहसील – विजयराघवगढ़ में मंगलवार को आयोजित जनसुनवाई में कलेक्टर श्री यादव स्वयं लोगों की समस्याएं और शिकायतें सुन रहे थे। इसी दौरान माध्यमिक शिक्षक श्री तिर्की द्वारा जनसुनवाई में उपस्थित होकर आवेदन दिया गया, जिसमें उन्होंने घरेलू विद्युत चोरी के प्रकरण की जांच कराकर उचित निराकरण कराये जाने का उल्लेख किया था । साथ ही आवेदन में यह उल्लेख भी किया था कि वे शासकीय शिक्षक है। जिसे संज्ञान में लिया और जब तहकीकात कराई गई तो पता चला कि कार्य दिवस होने के बाद भी विकासखण्ड स्रोत समन्वयक जनपद शिक्षा केन्द्र विजयराघवगढ़ से बिना अवकाश स्वीकृत कराये शिक्षक जनसुनवाई में निजी शिकायत का निराकरण कराने पहुंचे थे।जनसुनवाई में सक्षम अधिकारी से बिना अवकाश स्वीकृति कराये उपस्थित होने के कृत्य को म.प्र. सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 की उपकंडिका (1) (2) (3) के विपरीत कदाचरण की श्रेणी में माना गया है।जो शिक्षक श्री तिर्की की स्वेच्छाचारिता को प्रदर्शित करता है।

माध्यमिक शिक्षक श्री तिर्की के इस कृत्य पर कलेक्टर दिलीप यादव ने कारण बताओ सूचना पत्र जारी कर निर्देशित किया है। कि उक्त कृत्य का स्पष्टीकरण तीन दिवस में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। यदि आपके द्वारा नियत अवधि में जवाब प्रस्तुत नहीं किया जाता एवं प्रस्तुत जवाब समाधान कारक नहीं पाया जाता है तो आपके विरूद्ध म.प्र. सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 में निहित प्रावधान अनुसार अनुशासनात्मक कार्यवाही की जाएगी।

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