



कटनी की सड़कों पर आपको निराश्रित मावेशी बड़े ही आसानी से विचरण करते हुए दिखाई दे जायेगे अगर बात करे तो कटनी के मिशन चोक से लेकर हृदय स्थल सुभाष चौक तक बड़े ही आसानी से आपको रास्ते पर बैठे हुए निराश्रित मवेशी नजर आ जायेगे जो दुघर्टना का कारण बन रहे जिनसे शहर के यातायात में भी बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है।
यहां तक इन निराश्रित मवेशियों से दुर्घटनाएं भी सामने आ रही है। और बेजान मवेशी भी घायल हो रहे है लेकिन इस बड़ी समस्या को लेकर ना तो जिला प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम उठाए गए है। और ना ही नगर निगम के जिमेदार अधिकारियो को इससे कोई फर्क पड़ता है वही नगर निगम में दो साल पूरे कर चुकीं महापौर जी को, कहने को नगर निगम में इन निराश्रित मवेशियों को पकड़ने हाका गेग मौजूद है।
लेकिन इन मवेशियों को सरकार द्वारा बनाई गई गौशाला में छोड़ने के लिए नगर निगम द्वारा कोई महत्वपूर्ण पहल नहीं की गई जबकि इनको गोसाला छोड़ने के लिए वाहन भी नगर निगम में उपलब्ध हैं लेकिन उन्हें पकड़ने हेतु कार्यवाही की जहमद किसी ने अभी तक नहीं की जिससे शहर का यातायात अवरुद्ध हो रहा है। और सड़क दुर्घटनाएं भी बड़ रही वही महापौर जी द्वारा हाइवे में विचरण करने वाले निराश्रित मवेशियों के गले और सिंग में रेडियम लगाने हेतु एक पहल जरूर की है।
लेकिन सवाल यह है की शहरी क्षेत्र के निराश्रित मवेशी जो मुख्य मार्गों पर विचरण कर रहे हैं जिनकी वजह से यातायात अवरुद्ध हो रहा है और लोग घायल हो रहे हैं इन मवेशियों को लेकर नगर निगम द्वारा कोई ठोस कदम अभी तक क्यों नही उठाया गया हाका गैंग होने के बावजूद अभी तक इस बात को लेकर कोई बड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की गई क्या जिला कलेक्टर के आदेश के बाद ही नगर निगम जागेगा इन मवेशियों की वजह से शहर में लोगो का सड़क पर निकलना परेशानियां भरा है। और जाम की स्थिति रोजाना उत्पन्न हो रही है।
वही जाम की वजह से जिला अस्पताल पहुंच रही इमरजेंसी सेवा एंबुलेंस भी जाम में फस जाती है जिसकी अनगिनत तस्वीर भी सामने आ चुकी है। लेकिन इस बड़ी समस्या को लेकर किसी भी जन प्रतिनिधि ने कोई पहल अभी तक क्यों नहीं की यहां तक की नगर निगम के सामने ही निराश्रित मवेशियों का विचरण रोजाना हो रहा है जहा पकड़ने हेतु कर्मचारियों को महीने का वेतन प्राप्त हो रहा है। और रोजाना अधिकारी कर्मचारी से लेकर जनप्रतिनिधियों का रोजाना आना-जाना यहां होता है और इस समस्या से वह खुद जाम में फसते हैं। वही शहर स्वच्छ और सुंदर बनाने की कवायत की बड़ी-बड़ी बाते करते हैं। यह बड़ी समस्या का आजतक हल नहीं निकाल पाए जिससे जनता रोजाना परेशान हो रही है लेकिन इससे इन्हें कोई सरोकार नहीं सिर्फ मीडिया की सुर्खियां बनना और जनता को यह बताना हमारे कार्यकाल में कितने काम हुए और उगलियो पर गिनाना यही बस रह गया है लेकिन जमीनी हकीकत यह है कि लोगो का पैदल सड़क पर चलाना भी दूभर है।