



रजनीश कुमार कौरव नरसिंहपुर
नरसिंहपुर। लोकसभा सांसद नर्मदापुरम चौधरी दर्शन सिंह की अध्यक्षता में जिले के विभागीय अधिकारियों एवं विभागों द्वारा संचालित की जा रही योजनाओं एवं उनके क्रियान्वयन की समीक्षा बैठक कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में गुरूवार को हुई। बैठक के प्रारंभ में अधिकारियों द्वारा परिचय देकर अपने- अपने विभागों में संचालित की जा रही योजनाओं की प्रगति से अवगत कराया।
बैठक में पूर्व राज्यसभा सांसद कैलाश सोनी, कलेक्टर श्रीमती शीतला पटले, पुलिस अधीक्षक अमित कुमार, सीईओ जिला पंचायत दलीप कुमार, अपर कलेक्टर श्रीमती अंजली शाह सहित अभिलाष मिश्रा, डॉ. हरगोविंद पटेल एवं अन्य विशिष्ट जनप्रतिनिधि मौजूद थे।
सांसद द्वारा बैठक में जिले में ग्रीष्मकालीन मूंग उपार्जन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिये कि उपार्जन केन्द्रों पर किसानों द्वारा लाई जाने वाली मूंग की तुलाई सही तरीके से एवं शासन द्वारा निर्धारित मापदंडों के अनुरूप ही की जाये। उपार्जन कार्य में गड़बड़ी करने वाले सर्वेयर को हटाकर ब्लैकलिस्ट करने की कार्यवाही की जाये। किसानों की सहूलियत का विशेष ध्यान रखने के लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि किसानों पर बिजली चोरी के झूठे प्रकरण नहीं बनाये जायें। ऐसे प्रकरणों की समीक्षा अधीनस्थ अधिकारियों द्वारा गांव में कैम्प लगाकर की जाये। इन मामलों में लोगों से अधिकारियों का समन्वय एवं संवाद स्थापित हो। सांसद ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि कृषि फीडर में किसानों को मिलने वाली बिजली की सुनिश्चितता निचले स्तर तक हो। साथ ही जिन क्षेत्रों में विद्युत लाइन सुधार का कार्य किया गया है, उसकी भी सूची अधिकारी प्रस्तुत करें।
बैठक में गन्ना की समीक्षा करते हुए उप संचालक गन्ना अभिषेक दुबे ने बताया कि जिले में पिछले वर्ष की भांति इस वर्ष 30 प्रतिशत गन्ने की उपज ज्यादा हुई है। जिले के गन्ना किसानों द्वारा 7 सुगर मिलों में 1177.86 करोड़ रुपये का गन्ना बेचा गया, जिसमें से 1174.35 करोड़ रुपये का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। सांसद श्री सिंह ने गन्ना अधिकारी को निर्देशित किया कि वे शेष राशि का भुगतान जल्द से जल्द सुनिश्चित करवाकर इसकी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे।
केन्द्रीय सहकारी बैंक के अधिकारी द्वारा बैठक में बताया गया कि जिले में अभी 104 पैक्स समितियां कार्य कर रही हैं। इन समितियों में खाद- बीज की उपलब्धता रहे, इसके लिए सांसद श्री सिंह ने निर्देशित किया। उन्होंने जिले में डीएपी की उपलब्धता की स्थिति एवं डीएपी के विकल्प के रूप में प्रयुक्त किये जाने वाले 12:36:16 एवं एनपीके के इस्तेमाल के लिए किसानों को प्रोत्साहित करने का कार्य करने कहा। इसके लिए सभी केन्द्रों एवं समितियों में पाम्पलेट एवं बेनर के माध्यम से किसानों को नेनो यूरिया के इस्तेमाल की जानकारी देने के लिए भी व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाये। बैठक में चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मूंग की फसल में अधिक कीटनाशकों का प्रयोग सेहत एवं भूमि के लिए हानिकारक है। यह बात हमें समझनी होगी। मूंग की फसल की जगह कोई अन्य जिंस लगाने के लिए भी जिले के कृषकों से अपील की।
नर्मदा घाटी विकास प्राधीकरण अधिकारी अंकुर शर्मा ने बताया कि जिले में दो प्रोजेक्ट है। इसमें चिनकी बोरास प्रोजेक्ट में सभी प्रक्रियां हो चुकी है। अन्य शक्कर पेंच प्रोजेक्ट में पर्यावरणीय एवं वन विभाग की स्वीकृति नहीं हुई है। बैठक में मौजूद जनप्रतिनिधियों ने कहा कि इस प्रोजेक्ट को प्रारंभ करने में जो समस्या आ रही है, उनका जल्द समाधान किया जाये। हर गांव एवं हर खेत तक पानी पहुंचे यह शासन की मंशा है। जल संवर्धन के कार्यों के तहत हमें नदियों को जीवित रखना होगा, यह हमारी जिम्मेदारी है। किसानों को एक पेड़ मां के नाम अभियान के अंतर्गत खेतों की मेढ़ों पर पौधारोपण का भी कार्य करने के लिए भी प्रेरित किया जाये। जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रशंसा करते हुए कहा गया कि जिला प्रशासन द्वारा पौधरोपण की दिशा में बेहतर कार्य किया जा रहा है। इन पौधों की सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। इस अभियान को जनआंदोलन के रूप में बनाया जाये।
बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा यह भी चिंता व्यक्त की गई कि मवेशी सड़कों पर विचरण करते हैं, जिससे सड़क दुर्घटनाओं के कारण उनकी मृत्यु होती है। इनकी सुरक्षा के लिए समाज को आगे आना होगा। ऐसे गौवंशों को समीप की गौशालाओं में शिफ्ट किया जाना चाहिये। गौशालाओं का संचालन समिति संवेदनशीलता के साथ हो। आबकारी, राजस्व एवं पुलिस विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अवैध शराब बिक्री करने वालों पर कठोर कार्यवाही की जाये। इसके अलावा जिले में अवैध रेत खनन नहीं हो। संयुक्त टीम द्वारा कार्यवाही सुनिश्चित की जाये। बैठक में सांसद श्री सिंह ने राजस्व महाअभियान 2.0 की चर्चा की और राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस अभियान के अंतर्गत राजस्व संबंधित अभिलेख दुरूस्त करने का कार्य हो।