



बुरहानपुर।। पर्यटन विभाग भोपाल द्वारा प्रशिक्षण शिविर लगाकर जिले की महिलाओं को केले के रेशे से इको फ़्रेंडली राखियो का निर्माण कर प्रशिक्षण दिया जा रहा है, यह इको फ़्रेंडली राखिया पूरे प्रदेश में सप्लाई की जाएगी।
वैसे दो केला उत्पाद के रूप में बुरहानपुर जिले की पहचान है वही एक जिला एक उत्पाद के रूप में मशहूर केला से राखी बनाने का प्रशिक्षण ग्राम झिरी में मप्र पर्यटन बोर्ड द्वारा जिला पुरातत्व पर्यटन एवं संस्कृति परिषद द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसको लेकर जिले में रायसेन से आय मास्टर ट्रेनर महिलाओं द्वारा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। जिले में महिलाओं को प्रशिक्षण दे रही रायसेन जिले की अनीसा बी ने जानकारी देते बताया कि राखी का त्योहार नजदीक है इसकी डिमांड भी ज्यादा होती है। साथ ही केला का पौधा पूजा पाठ में ज्यादातर उपयोग में आता है इसलिय इसके तने से राखियां बनाई जा रही है। यह राखियां बाजार में बेची जा रही है इन रखियो की डिमांड बड़े ही पैमाने पर बनी हुई है केले के रेशे से राखियां आसानी से बनाई जा रही। इनके मांग के अनुरूप इसका निर्माण किया जा रहा एवम जगह जगह स्टाल लगाया जा रहा है। इन राखियो की कीमत बाजार में 20 रुपये से लेकर 200 रुपये तक है। बड़ी बात इन रखियो की यह है इन रखियो को केले के रेसे से बनाया जा रहा है जो भगवान विष्णु की पूजा में उपयोग में आता है और इसे शुभता का प्रतीक माना गया है।