“ईमानदारी की सजा: एएसआई शशिभूषण दुबे को अपनों ने ही बनाया निशाना”

कटनी जिले में अपनी ईमानदार छवि और निष्ठा के लिए पांच बार आईपीएस गौरव तिवारी द्वारा सम्मानित किए जा चुके सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) शशिभूषण दुबे इन दिनों अपने ही विभाग के कुछ लोगो की साजिश का शिकार हो गए हैं।

एक वीडियो जो 6 माह पुराना बताया जा रहा है, को अब वायरल कर उनकी छवि को धूमिल करने की कोशिश की गई है। मिली जानकारी के मुताबिक यह वीडियो संभवतः उन्हीं के विभाग के किसी कर्मचारी के द्वारा बनाया गया श्री दुबे की ईमानदारी की मिसाल खुद आईपीएस गौरव तिवारी दे चुके हैं। जिन्हें चालानी कार्यवाही के दौरान 26 जनवरी और 15 अगस्त को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था बतादे कि पुलिस अधीक्षक गौरव तिवारी द्वारा श्री दुबे को उनकी ड्यूटी के दौरान नगद राशि देकर सम्मान किया गया था।

लगातार लोगों का विश्वास जीतने वाले एएसआई दुबे को इसी कार्य शैली के चलते चार महीने पहले यातायात जुहला चौकी का प्रभारी भी बनाया गया था। लेकिन उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि वहां पहले से ही कुछ कर्मचारी अपने हित को साधने में लगे हैं। हाल के दिनों में जुहला चौकी की कार्यशैली को लेकर लगातार शिकायतें और खबरें सामने आईं, लेकिन विभागीय स्तर पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई।

श्री दुबे की कटनी की सात साल की सेवा में अब तक कोई शिकायत दर्ज नहीं हुई थी। उनके द्वारा एक दिन में 100 से अधिक चालान किए जाने जैसी मिसालें भी रही हैं। उनके कार्यों की विभागीय स्तर पर भी कई बार सराहना की गई। लेकिन जुहला चौकी में पदस्थ होने के बाद उन्हें अपनी ईमानदारी के कारण मानसिक और सामाजिक यातनाएं झेलनी पड़ रही हैं।

यह घटनाक्रम न सिर्फ एक ईमानदार अधिकारी की छवि को धूमिल करने का प्रयास है, बल्कि पुलिस विभाग की आंतरिक राजनीति और भ्रष्टाचार पर भी गंभीर प्रश्नचिह्न खड़े करता है।
हालांकि फिलहाल यह सब जांच का विषय है। अब देखना यह होगा कि क्या जांच के बाद सहायक निरीक्षक शशि भूषण दुबे को लाइन में रखा जाता है। या किसी थाने में अटैच किया जाता है।

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