



कैमोर।पत्रकार संघ कैमोर ने एक सर्वे में पाया के कि नगर परिषद कैमोर क्षेत्र के अधिकांश वार्डों के लोगों की मूलभूत समस्याएं क्यों बढ़ती जा रही हैं। वार्ड वासियों का कहना है कि नगर परिषद में शिकायत करने के बाद भी उनकी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है। लोग अक्सर नगर परिषद के दफ्तर के चक्कर लगाते हैं, लेकिन अधिकारी या तो अनुपस्थित रहते हैं या फिर समस्याओं को टालते रहते हैं।
आखिर नागरिक गण क्यों लगाते हैं सीएम हेल्प लाइन
जब नागरिकों की परेशानिय व समस्याओं का समाधान नहीं होता तब मजबूर होकर समाधान के लिए नागरिक सीएम हेल्पलाइन का ही सहारा लेते हैं। इस पर की गई शिकायतों पर संज्ञान लेकर अधिकारियों को कार्रवाई करनी पड़ती है। यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि स्थानीय प्रशासन में समुचित कार्यप्रणाली की कमी है।जिसके कारण नागरिकों का विश्वास नगर परिषद से भी उठता जा रहा है और उन्हें उच्च स्तर पर जाकर अपनी समस्याओं का समाधान तलाशना पड़ रहा है।
वही अगर बात की जाए तो नगर परिषद के अधिकारियों को इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है। यदि जनता की समस्याओं का तत्काल समाधान नहीं किया जाता है। तो यह न केवल प्रशासन के प्रति अविश्वास को बढ़ाएगा बल्कि स्थानीय सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाएगा साथ ही स्थानीय नागरिकों को चाहिए कि वे एकजुट होकर अपनी आवाज उठाएं और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष जरूर करें, जिससे स्थानीय प्रशासन अपनी जिम्मेदारियों का सही निर्वहन कर सके। बात करे तो यह स्थिति न केवल कैमोर नगर परिषद बल्कि अन्य नगर परिषदों के लिए भी एक सबक है। कि स्थानीय स्तर पर प्रभावी प्रशासनिक सुधार की आवश्यकता है। शासन को टैक्स देने के बाद अगर वार्डों की यही स्थिति रही तो बीमारियां पैर पसारने हेतु कोई कोर कसर नहीं छोड़ेगी जिससे ना सिर्फ शासन पर इसका भार पड़ेगा बल्कि आम नागरिकों को इस पसरी गंदगी से उत्पन्न बीमारी को घर लेकर जाना पड़ेगा। बात करे तो कैमोर नगर परिषद की इस तरह की कार्य प्रणाली से देश के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी का स्वच्छ भारत का सपना कैसे साकार होगा।
कैमोर से गुलशन चक्रवर्ती की रिपोर्ट