



कटनी, 9 जून — जिले में पुलिस प्रशासन की बर्बरता और पत्रकारों के साथ हुए दुर्व्यवहार को लेकर आक्रोश चरम पर है। बीते 31 मई को सीएसपी ख्याति मिश्रा के परिवार पर हुई पुलिसिया कार्यवाही के दौरान थाने में पहुंचे पत्रकारों के साथ जो अमानवीय व्यवहार किया गया, उसने पूरे पत्रकारिता जगत को झकझोर दिया है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, कवरेज के लिए पहुंचे पत्रकारों को पुलिस अधिकारियों ने न केवल धक्का-मुक्की का शिकार बनाया, बल्कि उन पर केस दर्ज कर जेल भेजने की धमकी तक दे डाली। इस शर्मनाक व्यवहार के विरोध में पत्रकारों ने थाने में ही तत्काल विरोध जताया था।
9 दिन बाद भी कोई कार्रवाई नहीं, पत्रकारों में रोष
घटना को 9 दिन बीत चुके हैं, लेकिन दोषी डीएसपी प्रभात शुक्ला सहित अन्य थाना प्रभारियों और पुलिसकर्मियों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं हुई है। इससे पत्रकारों के साथ-साथ शहर के संभ्रांत नागरिकों में भी गहरा आक्रोश व्याप्त है।
सुभाष चौक बना विरोध का केंद्र
आज जिलेभर के पत्रकारों ने एकजुट होकर शहर के हृदय स्थल सुभाष चौक में सांकेतिक धरने की शुरुआत की। धरने में बैठे पत्रकारों ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जब तक दोषी अधिकारियों पर सख्त और दंडात्मक कार्यवाही नहीं की जाती, तब तक वे पीछे हटने वाले नहीं हैं।
उनका कहना है कि यह सिर्फ पत्रकारों की नहीं, बल्कि लोकतंत्र की गरिमा की लड़ाई है। यदि पुलिस विभाग अपने अधिकारियों के अनुशासनहीन आचरण पर नियंत्रण नहीं करता, तो आने वाले दिनों में आंदोलन और भी व्यापक और तीव्र रूप ले सकता है।
फूट डालो, शासन करो की नीति?
धरने को कमजोर करने के लिए कुछ पुलिस अधिकारी अंग्रेजों की ‘फूट डालो और शासन करो’ नीति पर काम कर रहे हैं। लेकिन पत्रकार समुदाय पूरी एकजुटता के साथ उनके हर प्रयास को विफल कर रहा है।
धरना केवल चेतावनी है। यदि प्रशासन अब भी नहीं चेता, तो अगला कदम आर-पार की लड़ाई होगा।