



कटनी – जिले में बढ़ते जल संकट को देखते हुए कलेक्टर एवं जिला मजिस्ट्रेट दिलीप कुमार यादव ने एक अहम फैसला लिया है। मध्यप्रदेश पेयजल परिरक्षण अधिनियम के अंतर्गत प्राप्त शक्तियों का उपयोग करते हुए, उन्होंने कटनी जिले के समस्त विकासखंडों एवं नगरीय क्षेत्रों को 31 जुलाई या आगामी आदेश तक “जल अभावग्रस्त क्षेत्र” घोषित कर दिया है।
अब बिना अनुमति नहीं कर सकेंगे जल का उपयोग!
कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के अनुसार, अब कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के सरकारी भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों – जैसे नहरों, नालों, स्टॉपडैम, कुओं और अन्य सार्वजनिक जल स्रोतों – का पेयजल एवं घरेलू उपयोग के अलावा किसी अन्य प्रयोजन के लिए उपयोग नहीं कर सकेगा।
नलकूप निर्माण पर सख्त प्रतिबंध
जिले में नवीन नलकूप खनन अब सिर्फ अनुविभागीय अधिकारी राजस्व की पूर्व अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा। यह नियम निजी भूमि पर भी लागू होगा। हालांकि, शासकीय नलकूप कार्य इससे अछूते रहेंगे।
जल स्त्रोतों का अधिग्रहण भी संभव
जनहित में आवश्यकतानुसार, उपरोक्त अधिकारी निजी जल स्त्रोतों को अधिग्रहित भी कर सकते हैं – पेयजल परिरक्षण अधिनियम 2022 के अंतर्गत।
कड़ी कार्रवाई का प्रावधान
इस आदेश का उल्लंघन करने वालों पर MP पेयजल परिरक्षण अधिनियम 1986 की धारा 9 और भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
जनता से अपील
प्रशासन ने सभी नागरिकों से अपील की है कि वे जल के संरक्षण में सहयोग करें और आदेशों का कड़ाई से पालन करें, ताकि आगामी इस भीषण जल संकट से मिलकर निपटा जा सके।